ek shayar gaddar /एक शायर गद्दार
मेरे अंदर का शोर गूंजता है और लाता है जिसे बाहर, उस से लिखता हूँ मै जो, उसे नाम नही देता शेर, ग़ज़ल, नज्म अशआर का वो तो होते है बस बिखरें पन्नें मेरे
Sunday 5 February 2017
Tuesday 6 December 2016
Wednesday 16 November 2016
Saturday 25 June 2016
Tuesday 21 June 2016