तन्हाई

तुम यंहा अपनी तन्हाई की बात किया करते हो,
हर शख़्स यंहा खुद में ही मशरूफ निकला।
कई साये आते जाते रहे उस आईने में मगर,
"गद्दार" साया कभी कोई उस से बाहर नहीं निकला।

@gaddar
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1 comment:

Rajesh Kumar Rai said...

क्या बात है! बहुत खूब।