जवां कश्ती सफ़र करने सभी तैयार बैठे है
जो बैठे है किनारे पर समझते पार बैठे है
फूल से चेहरों पर लिखकर नाखुनो से कुछ निशां
हवस की आग में जलकर मुक़दमे हार बैठे है
उजड़ी हुई दुनिया में, मेरे दिल का ये आलम
खुदा भी ये जानता है के दिल में, दो चार बैठे है
कीमत लगा कर रखते है अपने जमीर की
जिधर देखो उधर, हर शक्ल में "गद्दार" बैठे है #गद्दार
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