Saturday 18 July 2015

शतरंज

बैठ मुहब्बत शतरंज को ले बिसात हो कोई
प्यादे की ख़ुदकुशी महज एक सवाल हो कोई

रानी की सलामती को फिक्रमंद सब यंहा
घोडा ही चल सके ढाई आखर चाल हो कोई #गद्दार

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