Saturday 30 January 2016

ख़ुश्क नज़रे

दूर से देखा  तो बस  इतना  लगा
इक तेरा चेहरा मुझे   अपना लगा

इक लहर आकर मुझे   यूँ  छु गई
दरमियां वो   अनकहा रिश्ता लगा

बाँटकर खुशियाँ मुझे गम ही मिले
जानकर सौदा    बड़ा  महँगा लगा

 ख़ुश्किया नज़रों में इतना समां गई
रेत का साहिल      मुझे सहरा लगा।      #गद्दार


Friday 29 January 2016

राधा

पानी पर बनाती ये बदलियाँ की छाह..,
,एक तुम्हारी ही तस्वीर.............
जिसे देख
हैरत में चाँद भी ................. खो रहा
और बिखरती चांदनी से पूछ रहा ...
इक तुम्हारा  नाम "राधा"            #गद्दार

दाग

लफ्ज़ो से चल जाये   हाले दिल का पता
सीने से दिल, दिल से जिगर दाग़दार मेरा #गद्दार

Thursday 28 January 2016

वस्ल अंजाम गद्दार

वस्ल से  खार      खाये   बैठा हूँ
मै फ़ूल से तितली उड़ाये बैठा हूँ

मोहब्बतों में ये रास आया मुझको
गैरो  से  दिल    लगायें    बैठा  हूँ

शब् ए हिज्र गुजरना बाकी मुझ पर
    मै शाम से दिया जलायें बैठा हूँ

मुहब्बत में गद्दारियों के अंजाम देख लो
   अपनी ही तन्हाईयां लुटाये बैठा हूँ         #गद्दार

Tuesday 26 January 2016

पत्थर 8

कहना मेरा ही महंगा पड़ा मुझे
शीशे सी बात थी पत्थर जुबानी हो गई #गद्दार

Sunday 24 January 2016

चाँद दरिया

रात जो देती है मुझे रोटी चाँद की
अपने हिस्से की मै दरिया से बाँटता हूँ #गद्दार

जख्म मेरे

          हवाएँ तो लिये घूमती है वक़्त ए मरहम
  जख़्म की ये हसरत कि वो भरना नहीं चाहता  #गद्दार

Saturday 23 January 2016

मेरे अपने

वक़्त के बुरे असर ने सिखलाये मुझ को सबक
               मेरे ही कुत्ते भोंकते है मुझ पर दूर से #गद्दार

गुलाबी नक़्श

   पँखुड़ी के फर्श पर यूँ लेटना तेरा
नक़्शे उभारता है तुम पर गुलाब के  #गद्दार

Friday 22 January 2016

मेरा ख्वाब

   फूल कली सतरंगी ख्वाब
   तितली भौरा सुर्ख़ गुलाब

  घूँघट में मुखड़ा छुपता था
  बदलियों में ...... माहताब

  इक समंदर चाँदनी रात में
  ज्वार सा चढ़ता.....शबाब

   झुकते उठते    कजरे नैना
  पीता जाता .....इक शराब
 
   शबनम चुराता आकर मेरा
   होले होले.........आफ़ताब   #गद्दार


आबशार चिनार गद्दार

       सुर्ख़ होंठो से सरके साँसे शरारा
     फिजां में दहकता आतिशे चिनार

  जुल्फ़े शानो से लहराई कमर तक यूँ
       ज्यों परबत  उतरता हो आबशार  #गद्दार

आतिशे चिनार = fire of maple leaves 
             शानों = shoulder
         आबशार =waterfall

Thursday 21 January 2016

नज़ाकत

   महकते  से गेसू अदा में नज़ाकत
    शरारत दिल में   जुबां पे शराफ़त

नज़र में वो बांधे उड़ती तितअलियाँ
 लचकती कमरियां चलना क़यामत #गद्दार

Wednesday 20 January 2016

सवाल ओ जवाब

 पहले रखो  ये अपना दामन संभाल के
 फिर देखना मुझ पर कीचड़ उछाल के

  आज कि   ये रात  बस   चैन से  गुज़रे
  कल  से  मै रखूँगा ये   दिल निकाल के

  झूठ मै    कभी          कहता नहीं तुम्हें
  देता  नहीं  जवाब   बस कुछ सवाल के

"गद्दार" उस गली से गुजरो एहतियात से
रखता है वो तेरे नाम के पत्थर संभाल के  #गद्दार

Tuesday 19 January 2016

हद

     अपनी जुबां से कहो के हद में रहें
बात उतनी ही करे जो तेरे कद में रहें

  आता है हर तरीके से समझाना मुझे
खास कर उनको जो किसी मद में रहें  #गद्दार

Monday 18 January 2016

नींद

सभी तो सो ही जाते है सिसकियां लेकर
        इक मुझे ही नींद आती नहीं है क्यूँ   #गद्दार


शबनम

चाहा था मैने तेरे और भी करीब आना
छुते ही मानिंद शबनम के बिखर गई तुम #गद्दार

खुशबुएँ ही खोलेगी इन गुलाबो के ये ख़त
क्या लिखा है शबनमी और क्या अधूरा रह गया ...#गद्दार

Sunday 17 January 2016

तेरा ख्याल

     इक शाम पे आता है जब ख्याल तेरा
सुबह  तक होश में फिर आता नहीं हूँ मै  #गद्दार

गहराईयाँ


    खो जाओगी जो मिलोगी इन तन्हाइयों में
नज़र आता नहीं साहिल से कुछ गहराइयों में  #गद्दार

Saturday 16 January 2016

ये हाथ तुम्हारा

अगर सोचूँ के ये हाथ
थामना चाहता है बारिशों को
भरना चाहता है अपने आगोश में
उन मोतीयों को जो टकरा कर बिखर जायेंगे
मानिंद ख़ुशी,
तो खो न देना तुम.......
समेट लो इन पानियों को...
जो कभी मेरा हिस्सा थी /कभी तुम्हारा /कभी हमारा
और कभी हम इस के और ..........
.ये हाथ तुम्हारा............#गद्दार

चुप्पी

यूँ तो कहने को बहुत कुछ है इस शेर में मेरे
          लुत्फ़ इस बात का के चुप रहा जाए।    #गद्दार 

बाजीगर तमाशा


       आईने देखोगें तो सब नज़र आयेगा
        लफ्ज़ो से खेलता बाजीगर आयेगा

      तुम सायें पे पैर रख कर निकलते हो
        इल्ज़ाम इसका भी मेरे सर आयेगा

          खता मेरी मुझे नज़र से गिरा देगी
       ज़ल्दी ही इन बातो में असर आयेगा

          फिर बे नतीजा रहेंगे सवालात मेरे
          जवाब इनका भी मुख़्तसर आयेगा        #गद्दार

वफ़ा

मुक़ाबले इन वफ़ाओं के में बेवफ़ा शायर
वो दिल जीतती रही मै लफ्ज़ हारता रहा #गद्दार

Friday 15 January 2016

मै परेशां

मुझ में शामिल हो तुम कुछ इस तरह
की में परेशां हूँ की तुम परेशां क्यूं हो  @गद्दार​

शीशा ए दिल

    सरसराहट सा दिल से गुजर जाऊँगा
   क्या जानता था दिल में उतर जाऊँगा

कह दिया था ना करीब से ना गुज़रो मेरे
शीशा ए दिल हूँ टकरा के बिखर जाऊँगा  #गद्दार




Thursday 14 January 2016

रास्ते साया गद्दार

यूँ हाल पूँछकर वक़्त जाया ना कर
   इसी हाल में ख़ुश हूँ साया ना कर

इक तुम को साया नज़र आता नहीं
    रौशनी भी इतनी जियादा ना कर

रास्तो का  बिछड़ना देख लिया मैने
  मिलने किसी हाल में आया ना कर

आइना दिखलाता है शख्शियत मेरी
कौन है "गद्दार" याद दिलाया ना कर    #गद्दार

Tuesday 12 January 2016

इश्क़ तेरा

खुद को इश्क में तेरे इतना यकीं दिला रखा है
अक्स में   मेरे  तेरा अक्स नज़र आने लगा है  #गद्दार

पत्थर 7

उल्फ़त के आईने में  सायें देख कर
पत्थर फेकने के मेरे इरादे बदल गए #गद्दा

ख़्वाब इंतिखाब गद्दार

तन्हाई में रातों सा शबाब आता है
कैसे बंद आँखों में ख़्वाब आता है

मेरी बर्बादियों में जो शुमार रहा है
उन   निगाहों पे इंतिख़ाब आता है

आप समंदर ढूंढते हो डूबने खातिर
कि पानी दरिया में बेहिसाब आता है

उठ उठ आते है सौ सवाल तुम पर
"गद्दार" उन पर  एक जवाब आता है  #गद्दार 

Monday 11 January 2016

पत्थर 6

सवाल  शीशे  से  जो   उठेंगे   तुम पर
जवाब में ख़ामोशियों के पत्थर उठाना #गद्दार

Sunday 10 January 2016

पत्थर 5

सवाल वजूद का तो मेरे दरमियां था
आइना क्यूँ आइना देख कर हैरान था #गद्दार

पत्थर 4

टुटा जो आइना वो अपनी ही जिद पे था
  पत्थर तो मेरे हाथ का अब भी हैरान है #गद्दार

Sunday 3 January 2016

इक रात गद्दार

 तुम्हें रात भर सोचकर देखा
 खुद को रात  जगाकर देखा

   सर्द हवा सी दस्तक पर  यूँ
दिल दरवाज़ा खोलकर देखा

क्या सोचती हो सोचकर देखा
क्या बोलती हो बोलकर देखा

  नींद चुभी जब पलकों पर तो
बंद आँखों को खोलकर  देखा

   साँस उठी जब महकी महकी
   सिरहाने       टटोलकर  देखा  #गद्दार

Saturday 2 January 2016

मुरली

जो छुते हो मुरली को तिश्ना लबों से
वो जानिब मुझे खींच लाते तुम्हारे ।  #गद्दार

पत्थर 3

  दौड़कर    चलता हूँ लांघ कर निकल जाऊँगा
 तबियत ऐसी नहीं मेरी देखूँगा फिसल जाऊँगा

  शाम ए उल्फ़त में रंग बदलते होंगे   फ़लक पे
  मै रात का मंजर हूँ    पत्थर  में बदल जाऊँगा #गद्दार