Tuesday 17 November 2015

किताब लिख रहा हूँ

        जानता हूँ तुम्हें  हैरान दिख रहा हूँ
मै आँखों में अपनी किताब लिख रहा हूँ

             पढ़ना चाहो तो नज़रे मिलाओ
                 बंद करना तो नज़रे हटाओ

इन आँखों से हर्फ़ की जुबां सीख रहा हूँ
मै आँखों में अपनी किताब लिख रहा हूँ

वो बातें, वो यादें और मुलाकातों के पल
        पन्नों पे किस्से तमाम लिख रहा हूँ   #गद्दार

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