Saturday 26 December 2015

वादे गद्दार

जब सामने से गुजरता देखना
शरम का पानी उतरता देखना

किये थे जितने     वादे तुम से
हर वादे से     मुकरता देखना

बह गये  आँख से  आँसू  सारे
हर वो ख्वाब बिखरता देखना

जख्म के फिकर में गमजदा होकर
दूर से ज़ख्म को भरता देखना

जिस को दिल में उतरता देखा
"गद्दार" दिल से उतरता देखना #गद्दार

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