ए साँवरी लड़की
बंद कर के मेरी आँखे
तू शरारत से हँसे
अनजान बन कर
ना पहचाने जाने का तमाशा में करू
तेरे अधरो कि मिट्टी प्यासी है अभी
मै बादल का बहाना कर
तुझ पर बरसू.....
मेरे प्यार के आराइश कि सोंधी सी महक
ना जाये चाहे कितने भी
पहलु बदलू
– गद्दार
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