Saturday 13 June 2015

पलाश के रंग


नींदो मे तेरी अपने ख्वाब तलाश लेता हू

फूल चुनने हो तो गुलाब रख पलाश लेता हू

         ऐसा तो नही की वो भी कुछ कम सुर्ख है

"गद्दार" निगाहो मे तेरी अपनी वजह तलाश लेता हू

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