चलती सी आंधियों में पत्ता टिका नहीं
अपने ही वायदों पे कायम रहा नही
खोकर ही रह गयी है राहे मोड़ पे
सीधे से रास्तो से तू भी चला नहीं
#gaddar
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लफ्ज मिलते नही अपनी बेबसी के लिये
आमदा हाले दिल निकला है खुदकुशी के लिये
ढूँढता रहता हूँ तहरीरे जिंदगी का सुकूँ
खुशनुमा होता नही खत ये दिलकशी के लिये ।
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