Saturday, 25 July 2015

बेबसी दिलकशी गद्दार

चलती सी आंधियों में पत्ता टिका नहीं
    अपने ही वायदों पे कायम रहा नही

      खोकर ही रह गयी है राहे मोड़ पे
      सीधे से रास्तो से तू भी चला नहीं

#gaddar

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        लफ्ज मिलते नही अपनी बेबसी के लिये
आमदा हाले दिल निकला है खुदकुशी के लिये

          ढूँढता रहता हूँ तहरीरे जिंदगी का सुकूँ
  खुशनुमा होता नही खत ये दिलकशी के लिये ।

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