चाहत में मोतियों सा बिखर के देखना
समेट ना पाओगी समेट के देखना
उलझ ही जायगी ये जुल्फ़े तुम्हारी
चाहो तो मुझ से लिपट के देखना
कंहा कंहा दर्ज है मुहब्बत हमारी
डायरियों के पन्नें उलट के देखना
हर नजर तुम्हारी घायल करती है हमें
चाहो तो बार बार पलट के देखना
#gaddar
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