खुदगर्ज इतने तो न थे की शोलो को हवा कर दो
प्यास इतनी है मेरी समंदर में दरिया मिला कर दो।
जिस्म और रूह की बंदिशों में दिल की गफलते
मुमकिन हो अगर तो मेरे जिस्म को रूहानी कर दो।
अश्क रख आँखों में तुझसे मिलाऊँ किस तरह
ये लो मेरे रिश्ते को खुले तौर पे बेमानी कर दो।
कंहा रहती हो खोयी खोयी सी आजकल तुम
सलीका इतना ना रहा चाय में चीनी मिला कर दो।
@gaddar
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