आ तौहीन करो मेरी, अब ठुकरा दो मुझे
लौटने को है तिश्नगी तेरी, तेजाब सा पिला दो मुझे
इश्क़ को मसले से बाहर ही रखो, बेवफाई की नोलिश कर दो
तेरे लौट कर आने की वजह अस्ल मालूम है मुझे
हाथ मेरे कुछ कुछ पहुँचने लगे है आसमां तक
तोड़ ख्वाबो के पर, जगह मेरी दिखला दो मुझे
राज गहरे है कई "गद्दार" तेरे भीतर तक धँसे
बेनकाबी की हो अगर तो इत्तिला कर दो मुझे..
@gaddar
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