Thursday, 11 June 2015

इश्क का फतवा

इश्क का फतवा है जरा गौर से पढना
मुमकिन हो अगर तो खुले तौर पे पढना

खुदाई को ले छिपा, नेकी हलाल कर
आशिक है दिल से दूर जरा जोर से पढना..

@Gaddar

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