पहले रखो ये अपना दामन संभाल के
फिर देखना मुझ पर कीचड़ उछाल के
आज कि ये रात बस चैन से गुज़रे
कल से मै रखूँगा ये दिल निकाल के
झूठ मै कभी कहता नहीं तुम्हें
देता नहीं जवाब बस कुछ सवाल के
"गद्दार" उस गली से गुजरो एहतियात से
रखता है वो तेरे नाम के पत्थर संभाल के #गद्दार
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