हवाओं से सीखो परवाजें लगाना
आग पानी से सीखो यादें मिटाना
रिश्तों में ख़ामोशी रखकर के देखो
सीख जाओगी तुम भी दीवारें उठाना
सर्द हवा नश्तर सी छू कर के गुजरी
ज्यों काँपता सा ख़ंजर चूका निशाना
"गद्दार" जो है सब कुछ साफ़ सा कहो
आसां नहीं है अब कुछ बाते छुपाना #गद्दार
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