शबनमी कतरों का दिलकश ठिकाना
शीशे पे तेरा वो ऊँगली चलाना
बातों का मेरी जो तुम पर जिकर हो
गुलाबी सी रंगत का गालों पे आना
वादी में गूँजे सदायें तुम्हारी
वो परबत पे चढ़कर आवाजें लगाना
दरमियां हवा को गुज़रने न दो तुम
आता बहुत है उन्हें बातें बनाना #गद्दार
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